देश के शान की खातिर अपने जान देने वाले शहीदों को आज के दिन शत-शत नमन.
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को समर्पित पंक्तियाँ....
भगत ने प्राण देकर तब यहाँ दीपक जलाया था.
वो एक दीवाना था जिसने हमें रास्ता दिखाया था.
दिये को भी दिया तुमने था एक अंदाज़ जलने का.
निडर जीना निडर मरना यही सबको बताया था.
जय हिंद...
राजेश "नचिकेता"
ऐसे जीवन देखकर मरने से डर लगना बन्द हो जाता है।
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियां
ReplyDeleteअब कोई ब्लोगर नहीं लगायेगा गलत टैग !!!
ओजपूर्ण पंक्तियाँ शाहीदेआज़म की शान में!!
ReplyDeleteराजेशजी....
ReplyDeleteआपकी रचनाओं को पढ़ने में
एक अलग ही आनंद मिलता है..!!
हमेशा ही कुछ सार्थक बातें ही मिलती हैं....!!
धन्यवाद,इतना अच्छा लिखने के लिए
और हमें भी पढ़ने का अवसर देने केलिए.....!!
शहीदों को नमन ।
ReplyDeleteशहीदों को शत-शत नमन.
ReplyDeleteजय हिंद...
ReplyDeleteaabhar
आओ छुककर सलाम करे उन्हें
ReplyDeleteजिनकी जिंदगी में ये मुकाम आया
किस कदर खुसनसीब हैं ये लोग
जिनका लहू देश के काम आया |
जय हिंद |
प्रेरणा प्रद है इनका जीवन हम भारतीयों के लिए .
ReplyDeleteसुंदर ओजपूर्ण पंक्तियाँ..... नमन ऐसे वीर देशभक्तों को....
ReplyDeleteदिये को भी दिया तुमने था एक अंदाज़ जलने का.
ReplyDeleteनिडर जीना निडर मरना यही सबको बताया था.
बहुत प्रेरणादायी..आपकी लेखनी को नमन
बहुत प्रेरणादायी रचना|
ReplyDeleteशहीदों को शत-शत नमन|
Bir shahidon ko shat-shat naman...
ReplyDeletesundar rachna..
Mere blogs par aapka swagat hai.
Shahidon ko to naman hai hi sath me aapki rachanao ko bhi hardik naman..shubhkamnaye
ReplyDeleteउन अमर शहीदोंको नमन !
ReplyDeleteबल तो बेईमानी का भी होता है। मगर,केवल ईमानदारी का बल राष्ट्र को सर्वोपरि रख सकता है।
ReplyDeleteदिये को भी दिया तुमने था एक अंदाज़ जलने का.
ReplyDeleteनिडर जीना निडर मरना यही सबको बताया था.
bahut achchi lagi.
वाक़ई,जोश भरती हुई पंक्तियाँ.
ReplyDeleteशहीदों को नमन.
नवसंवत्सर २०६८ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteनव-संवत्सर और विश्व-कप दोनो की हार्दिक बधाई ....
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