होली: सररारारारारा
महामूर्खाधिराज...मूर्ख शिरोमणी ...राजेश नचिकेताजी महाराज (साथ वाली छवि उन्ही की है)....द्वारा होली स्पेशल ......आनंद लीजिये.....
चेतावनी: दिमाग का किंचित इस्तेमाल भी घातक हो सकता है..ही ही ही ही.ही ही....
पिचकारी कीचड भरी मैं ले आया गोरी.
संसद-संसद खेल ले आजा अब तो बाँकी छोरी.
माया नीला रंग हैं, मनमोहन हैं ग्रीन.
राजा का रंग स्याह है, लालू एभरग्रीन.
मन मैला अपना करूं फिर खेलूँ मैं फाग.
जुड़े नाम जो स्कैम से समझूं अपना भाग.
सच बोलूंगा मैं नहीं, झूठ का दूंगा साथ.
मार झपट्टा छीन लूं जो लग जाए हाथ.
कागज़ काला कर दिया लेकिन बनी ना बात.
मुंह पर स्याही पोत दूं , नंगी कर दूं गात.
देख भांग ना दाल दे कहीं रंग में भंग
डूबो रंग के रंग में छोड़ भंग का संग.
रंग सभी के अंग मलो, रहे ना कोई कोरा.
होली के हुडदंग में बोलो सा-रा-रा-रा....
अच्छे बुरे सब लोगों को होली की शुभकामना.....