ये कविता उन वीरो कि इच्छा है जिन्होंने देश के लिए जान दी है और जो देश में सैनिको के साथ होने वाले व्यापार और राजनीति से व्यथित और सताए हुए हैं.
श्रद्धांजली
मातृ-अंक रख अपना मस्तक
जब अंतिम साँसें ली थी.
जनम सफल माना था सबने
जिसने भी जाने दी थी.
मरण सफल नहीं तब तक जब तक
इसका कोई अर्थ ना हो.
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.|१|
नहीं डरते हम शत्रु-सैन्य से,
डर लगता है अपनों से.
लड़े काल से हम यथार्थ में
हार गए हैं सपनो से.
हार गए हैं सपनो से.
लगे न बोली लाश की देखो
ऐसा कोई अनर्थ ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.|२|.
पदक नहीं देना और ना ही
पुष्प-गुच्छ करना अर्पण
भले ना करना मेरा श्राद्ध
या मत करना मेरा तर्पण
या मत करना मेरा तर्पण
भटके चाहे मेरी आतमा,
भले प्राप्त मुझे स्वर्ग ना हो.
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.|३|
दण्डित करो उस पापी को
जो वीरो का व्यापार करे
श्रद्धांजलि उन्नत होगी
गर राजनीति से रखो परे
गर राजनीति से रखो परे
पुनरजनम हो इसी भूमि पर,
नहीं ग़म गर अपवर्ग ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.|४|.
राजेश कुमार "नचिकेता"
लगे न बोली लाश की देखो
ReplyDeleteऐसा कोई अनर्थ ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो....
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बेहद खूबसूरत रचना। लेकिन राजेश जी, जिस तरह से लोग अपनी धरोहर, अपनी संस्कृति और संवेदनशीलता को नीलाम कर रहे हैं , उससे तो यही लगता है की उनकी मृयु व्यर्थ ही जा रही रही है।
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मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो....
ReplyDeleteबेहतरीन रचना राजेश जी .... हर पंक्तीं कमाल की घड़ी है आपने ... मन की गहराई मैं उतर गयी आपकी रचना ... बहुत खूब ..
भटके चाहे मेरी आतमा,
ReplyDeleteभले प्राप्त मुझे स्वर्ग ना हो.
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो
वीररस में सुन्दर अभिव्यक्ति
very well written...:-)
ReplyDeleteati uttam sir, i shoud say this is the best poem written by you.
ReplyDeletemein naman kerti hon un veeron ko jinhone apne desh ke liye pran diye.
Xcellent...veer ras se bhari huyee ye kavita kaafi saraahneeya hai..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteभान रहे ऐ देश-वासियों
ReplyDeleteमृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो
बेहतरीन अभियक्ति, ज़बरदस्त!
प्रेमरस
कमाल की रचना है
ReplyDeleteअच्छा लगा पढ़कर
बहुत सुंदर भावनाएँ. आपकी रचनाएँ नए अंदाज़ दे रही हैं. कमेंट्स के ऑप्शंस से word verification को हटा दीजिए ताकि टिप्पणी देने में आसानी रहे.
ReplyDeleteबहुत उम्दा!
ReplyDelete@rajkumar soniji aur Udan Tashtari sahab....
ReplyDeletenlog par aane aur tippani ke liye dhanyawaad.
@Bhushan Ji
Aapki salaah sar aankho par ummeed hai aapko sahooliyat hogi.
aapka swagat mere blog par.
@Zeal: sahmat hoon aapse. jeevan ka saarthak hona jaroori hai. Tulsidaas ji ne likha hain kahee."dhanya janam jagti tal taasu, pitahi pramod charit sun jaasu".
ReplyDeleteshayad kuchh margdarshan mile jeevan ko saarthak banane ka.
veer shaheedo ko naman
@क्षितिजा : अच्छा लगा आपका पहला आगमन मेरे ब्लॉग पर. शुभकामना और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद.
ReplyDelete@कुंवरजी,
सराहना के लिए धन्यवाद. बहुत प्रसन्नता होती है जब आप मेरी रचना पर टिपण्णी करते हैं. आभार.
राजेश नचिकेता
बेहद प्रभावशाली और सशक्त अभिव्यक्ति ....धन्यवाद !
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
दुआएँ भी दर्द देती है
वन्दे मातरम,
ReplyDeleteआपने मेरे ब्लॉग में आकर मेरा उत्साह बढाया और इस बेहतरीन ब्लॉग में आने का मार्ग प्रसस्त किया, सादर आभार !!
पुनरजनम हो इसी भूमि पर,
नहीं ग़म गर अपवर्ग ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो
वाकई इन पंक्तियों ने सब कुछ कह दिया..........
सार्थक लेखन की अनवरतता के लिए अशेष शुभकामनायें |
दण्डित करो उस पापी को
ReplyDeleteजो वीरो का व्यापार करे
श्रद्धांजलि उन्नत होगी
गर राजनीति से रखो परे
बहुत सटीक ....बहुत भावपूर्ण .... इन वीरों को नमन
सशक्त रचना
ReplyDeleteपूरी कविता एक सुंदर सन्देश देती है ...उम्दा अभिव्यक्ति ...शुक्रिया
ReplyDeleteचलते -चलते पर आपका स्वागत है
देशभक्ति से परिपूर्ण रचना ....
ReplyDeleteसशक्त और प्रभावशाली .....
अच्छा लिखते हैं राजेश ji .....!!
रानीजी, अभियान साहब, डा मोनिका जी, हीर जी, अजय जी और राम जी,
ReplyDeleteआप सभी का आने और अपना समय देने के लिए धन्यवाद....उम्मीद करता हूँ लगाव बना रहेगा....
प्रोत्साहन और सराहना के लिए धन्यवाद....
बहुत प्रभावशाली रचना ....ऐसी रचना को नमन ....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया
बहुत ही सुन्दर देशभक्ति से लबालब रचना ... देश के इन सपूतों को नमन !
ReplyDeleteपहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ आपकी टिपण्णी के लिए !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
bahut achchi lagi aapki likhi rachna.
ReplyDeleteCha gaye guru.....padh ke bahut accha laga, khud likhne ka man ho gaya :)
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