जो सोए है उन्हें जगाते हैं हम अपने छंदों से.
हम पिघलाते लौह-बेड़ियाँ कुछ स्याही की बूंदों से...
Wednesday, January 1, 2014
नया साल
नया साल संग अपने एक उज्जवल दिनमान लाए
सुख शांति समृद्धि सम्पदा का नूतन पैगाम लाए
हो विस्मृत काली यादें सब दफ़न भूत में हो जाएँ
जीवन का पुरुसार्थ सिद्ध हो कुछ ऐसे आयाम लाए।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो
आपको भी शुभकामनायें
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