Thursday, November 18, 2010

श्रद्धांजली

रफ़्तार www.hamarivani.com

ये कविता उन वीरो कि इच्छा है जिन्होंने देश के लिए जान दी है और जो देश में सैनिको के साथ होने वाले व्यापार और राजनीति से व्यथित और सताए हुए हैं.
श्रद्धांजली


मातृ-अंक रख अपना मस्तक
जब अंतिम साँसें ली थी.
जनम सफल माना था सबने
जिसने भी जाने दी थी.
मरण सफल नहीं तब तक जब तक
इसका कोई अर्थ ना हो.
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.|१|
नहीं डरते हम शत्रु-सैन्य से,
डर लगता है अपनों से.
लड़े काल से हम यथार्थ में
हार गए हैं सपनो से.
लगे न बोली लाश की देखो
ऐसा कोई अनर्थ ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.||.
पदक नहीं देना और ना ही
पुष्प-गुच्छ करना अर्पण
भले ना करना मेरा श्राद्ध
या मत करना मेरा तर्पण
भटके चाहे मेरी आतमा,
भले प्राप्त मुझे स्वर्ग ना हो.
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.||
दण्डित करो उस पापी को
जो वीरो का व्यापार करे
श्रद्धांजलि उन्नत होगी
गर राजनीति से रखो परे
पुनरजनम हो इसी भूमि पर,
नहीं ग़म गर अपवर्ग ना हो
भान रहे ऐ देश-वासियों
मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो.||.

राजेश कुमार "नचिकेता"

26 comments:

  1. लगे न बोली लाश की देखो
    ऐसा कोई अनर्थ ना हो
    भान रहे ऐ देश-वासियों
    मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो....

    ----

    बेहद खूबसूरत रचना। लेकिन राजेश जी, जिस तरह से लोग अपनी धरोहर, अपनी संस्कृति और संवेदनशीलता को नीलाम कर रहे हैं , उससे तो यही लगता है की उनकी मृयु व्यर्थ ही जा रही रही है।

    .

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  2. मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो....

    बेहतरीन रचना राजेश जी .... हर पंक्तीं कमाल की घड़ी है आपने ... मन की गहराई मैं उतर गयी आपकी रचना ... बहुत खूब ..

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  3. भटके चाहे मेरी आतमा,
    भले प्राप्त मुझे स्वर्ग ना हो.
    भान रहे ऐ देश-वासियों
    मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो

    वीररस में सुन्दर अभिव्यक्ति

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  4. ati uttam sir, i shoud say this is the best poem written by you.
    mein naman kerti hon un veeron ko jinhone apne desh ke liye pran diye.

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  5. Xcellent...veer ras se bhari huyee ye kavita kaafi saraahneeya hai..

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  6. बहुत सुन्दर रचना

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  7. भान रहे ऐ देश-वासियों
    मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो



    बेहतरीन अभियक्ति, ज़बरदस्त!



    प्रेमरस

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  8. कमाल की रचना है
    अच्छा लगा पढ़कर

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  9. बहुत सुंदर भावनाएँ. आपकी रचनाएँ नए अंदाज़ दे रही हैं. कमेंट्स के ऑप्शंस से word verification को हटा दीजिए ताकि टिप्पणी देने में आसानी रहे.

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  10. @rajkumar soniji aur Udan Tashtari sahab....
    nlog par aane aur tippani ke liye dhanyawaad.
    @Bhushan Ji
    Aapki salaah sar aankho par ummeed hai aapko sahooliyat hogi.
    aapka swagat mere blog par.

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  11. @Zeal: sahmat hoon aapse. jeevan ka saarthak hona jaroori hai. Tulsidaas ji ne likha hain kahee."dhanya janam jagti tal taasu, pitahi pramod charit sun jaasu".
    shayad kuchh margdarshan mile jeevan ko saarthak banane ka.
    veer shaheedo ko naman

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  12. @क्षितिजा : अच्छा लगा आपका पहला आगमन मेरे ब्लॉग पर. शुभकामना और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद.

    @कुंवरजी,
    सराहना के लिए धन्यवाद. बहुत प्रसन्नता होती है जब आप मेरी रचना पर टिपण्णी करते हैं. आभार.
    राजेश नचिकेता

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  13. बेहद प्रभावशाली और सशक्त अभिव्यक्ति ....धन्यवाद !
    यहाँ भी पधारे
    दुआएँ भी दर्द देती है

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  14. वन्दे मातरम,
    आपने मेरे ब्लॉग में आकर मेरा उत्साह बढाया और इस बेहतरीन ब्लॉग में आने का मार्ग प्रसस्त किया, सादर आभार !!
    पुनरजनम हो इसी भूमि पर,
    नहीं ग़म गर अपवर्ग ना हो
    भान रहे ऐ देश-वासियों
    मृत्यु हमारी व्यर्थ ना हो
    वाकई इन पंक्तियों ने सब कुछ कह दिया..........
    सार्थक लेखन की अनवरतता के लिए अशेष शुभकामनायें |

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  15. दण्डित करो उस पापी को
    जो वीरो का व्यापार करे
    श्रद्धांजलि उन्नत होगी
    गर राजनीति से रखो परे

    बहुत सटीक ....बहुत भावपूर्ण .... इन वीरों को नमन

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  16. पूरी कविता एक सुंदर सन्देश देती है ...उम्दा अभिव्यक्ति ...शुक्रिया
    चलते -चलते पर आपका स्वागत है

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  17. देशभक्ति से परिपूर्ण रचना ....
    सशक्त और प्रभावशाली .....
    अच्छा लिखते हैं राजेश ji .....!!

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  18. रानीजी, अभियान साहब, डा मोनिका जी, हीर जी, अजय जी और राम जी,
    आप सभी का आने और अपना समय देने के लिए धन्यवाद....उम्मीद करता हूँ लगाव बना रहेगा....
    प्रोत्साहन और सराहना के लिए धन्यवाद....

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  19. बहुत प्रभावशाली रचना ....ऐसी रचना को नमन ....

    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया

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  20. बहुत ही सुन्दर देशभक्ति से लबालब रचना ... देश के इन सपूतों को नमन !

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  21. पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ आपकी टिपण्णी के लिए !
    बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

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  22. bahut achchi lagi aapki likhi rachna.

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  23. Cha gaye guru.....padh ke bahut accha laga, khud likhne ka man ho gaya :)

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